बस कुछ लिखना चाहता हूं.

Tuesday, May 16, 2006

बेसबब तो न थी तेरी यादें........

बेसबब तो न थी तेरी यादें..
तेरी यादो से कया नही सीखा ...
जब्त का हौसला बारहा लेना....
आँसुंओं को कभी छुपा लेना....
चुप की चादर को औढ कर सोना...
बेसबब भी कभी कभी हसना...
जब भी हो बात कोई तेरी मेरी...
मौजु-ए-गुफतगु बदल देना...
बेसबब तो न थी तेरी यादें..
तेरी यादो से कया नही सीखा ...

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