खत मुहब्बत के बरवक्त जो मयस्सर होते । हां तेरे सर की कसम हम आज तेरे शोहर होते ।। शाहज़ादी ना बिछड़ता तेरा महबूब कभी । डाक खाने में मुलाज़िम ग़र कबूतर होते ।।
मैं क्या कहूँ अपने बारे में, बस यही की इस वक्त इनफोसिस मे काम करता हूं, कम्पयूटर पर काम करना मुझे काफी पसंद है. चंडीगड़ में रहता हूँ ओर जम्मू से ताल्लुक रखता हूं.
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