बस कुछ लिखना चाहता हूं.

Wednesday, March 21, 2007

चंद कलियां निशात की चुन कर

चंद कलियां निशात की चुन कर,
मुद्दतों मह्व-ऐ-यास रहता हूं...
तेरी मिलना ख़ुशी की बात सही,
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ..



साहिर लुधियानवी...